कुशल बनकर हम युवाओं को कुशल बनाना चाहते हैं - राजेश पांडे

24 Apr 2018 17:18:12

 
हम बस सामाजिक संवेदना के साथ व्यावसायिक काम करने जा रहे हैं| खुद कुशल बनकर हम युवाओं को कुशल बनाना चाहते हैं और यही हमारे इस युवा मंथन का उद्देश्य है |
 
 
आज हम सब यहाँ युवा मंथन के लिए एकत्रित हुए हैं| यह मंथन आने वाले दिनों में देश की दिशा बदल सकता है ; यह मंथन आने वाले दिनों में युवाओं का भाग्य बदल सकता है | युवाओं की ताकत को, डेमोग्राफी को, डिविडेंड में बदल सकता है | मैं युवा ओं को आवाहन करना चाहता हूँ कि आप पूरी लगन से और सकारात्मक दृष्टिकोन से इस मंथन का हिस्सा बनें |
 
 
आज हम एक मुकाम पर पहुंच गए हैं| आने वाले दिनों में हमारी युवा को-ऑपरेटिव के काम की पद्धति बदलने जा रही है| देश में अब युवा को-ऑपरेटिव्ह का बेहतर स्ट्रक्चर खड़ा हुआ है| करीबन ६०० जिलों में एन.वाई.सी.एस.का नेटवर्क फैल चुका है| हर जगह – हर जिले में कोई ना कोई एन.वाई.सी.एस.से जुड़कर काम कर रहा है | अब जरुरत है उस व्यक्ति के माध्यम से वहाँ के युवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नई योजनाएँ बनाने की | इस सब के लिए विचारों का मंथन जरूरी है | इस विषय में बहस और चर्चा होनी चाहिए, ब्रेनस्टॉर्मिंग होना चाहिए और यही सब हम इस युवा मंथन में करनेवाले हैं| यहाँ आए हुए सभी युवा, जिन्हें सहकारिता क्षेत्र में काम करना है, इस क्षेत्र में सक्रीय रहना है या कोई भूमिका निभानी है, यहाँ तक कि अपने जिले में एक कुशल नेतृत्व खड़ा करना है तो एन.वाई.सी.एस.के माध्यम से आपको यह बड़ा अवसर मिल रहा है |
 
 
हम लोगों ने साल २००० -२००१ से काम करना शुरू किया था| सतरह – अठारह साल के सफर में कभी हम सफल रहे और कभी विफल, मगर हमने प्रयास करना नहीं छोड़ा | आज समय है उस सफल सफ़र को देश के सामने रखने का | जो गतिविधियाँ पिछले कई सालों से हम सफलतापूर्वक चला रहे हैं जैसे कि जन निधि, कौशल विकास, जन औषधि ,युवा सहकार या फिर बायो एनर्जी उसे देश के हर कोने में पहुँचाने की हमारी कोशिश है | आप पूछेंगे कि क्या आप इन गतिविधियों को अपने जिले में भी चला सकते हैं तो मैं कहूँगा – जरूर चला सकते हैं | यही नहीं इस प्रकार के कई वैकल्पिक मॉडल्स आपके सामने रखेंगे। मै आप सभी से आग्रह करूँगा कि आप इन गतिविधियों को समझें और ये मॉडल्स अपने-अपने जिले में शुरू करने का संकल्प करें| युवाओं को सक्षम करने का प्रयास और नए-नए अवसरों पर भी आज यहाँ चर्चा होगी|
 
 
कितने लोग वास्तव में स्टार्ट-अप इंडिया और सरकार की अन्य योजनाओं की जानकारी रखते हैं ? कितनों को पता है कि स्टार्ट-अप इंडिया योजना में सिर्फ आय.आय.टी का प्रोजेक्ट आता है या गाँव में गोबर से कुछ बनाने वाले प्रोजेक्ट भी इसमें शामिल हैं? क्या बैंकों से युवाओं को मिलने वाले ऋण-मुद्रा योजना के बारे में हम सब जानते है? इससे भी अधिक क्या जानकारी होनी चाहिए हमारे पास ? यदि बैंक लोन देने से मना कर दे तो कितने हैं जो पूछेंगे कि क्यों मना किया? सवाल उठाना आपका अधिकार है मगर आप यह तभी कर पाएँगे जब आपको इन योजनाओं की पूरी जानकारी होगी| इन योजनाओं को पहले खुद समझने की आवश्यकता है और फिर इन्हें गाँव-गाँव तक ले जाना भी जरूरी है | इंडस्ट्री क्या सोच रही है, कौशल विकास में किस प्रकार के अवसर हैं, यह सब दिशादर्शन करने के हेतु से हमने यह युवा-मंथन का कार्यक्रम आयोजित किया है|
 
 
आप कभी हो सके तो दिल्ली के विकासपुरी कौशल विकास केंद्र में जरूर जाइएगा| आज यहाँ जो अंगवस्त्र दिए गए हैं वह हमारे बच्चोंने ही बनाए हैं| ये बैग जो आपको मिली है यह भी बच्चों ने ही बनाई है | हमने उनसे जब उनकी बनाई बैग खरीदी तो उनका हौसला बढ़ गया और एक बच्ची ने कहा कि,”सर आज तो हमारी जिंदगी बन गयी “| यही तो एन.वाई.सी.एस को करना है, यही तो हमारा काम है |
 
 
जिस विचारधरा को लेकर हम लोग काम कर रहे हैं उस विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश हम इस संस्था के माध्यम से कर रहे हैं| भारत माता की जय का नारा तो हम जिंदगीभर लगाएँगे और लगाना भी चाहिए मगर वास्तव में भारत माता की जय तभी होगी जब इस देश का आखिरी युवा समर्थ बनेगा | युवा शक्तिशाली बना तो देश भी समर्थ बनेगा। यह युवा मंथन का कार्यक्रम एन.वाई.सी.एस को आपके समक्ष रखने के लिए है | हम क्या चाहते हैं, कौनसे इनिशिएटिव लेना चाहते है, यह सब हमें आपसे साँझा करना है |एन.वाई.सी.एस केवल कोई संगठन नहीं है, यह तो एक कमर्शियल बिज़नेस आर्गेनाईजेशन है | हम बस सामाजिक संवेदना के साथ व्यावसायिक काम करने जा रहे हैं| खुद कुशल बनकर हम युवाओं को कुशल बनाना चाहते हैं और यही हमारे इस युवा मंथन का उद्देश्य है |
 
 
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