संपादकीय

13 Nov 2018 18:03:29
 
 

संपादकीय...

इस वर्ष संपन्न हुए वार्षिक सर्वसाधारण सभा में एनवायसीएस के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु चल रहे कार्यों का लेखा-जोखा सुनकर सभी में ऊर्जा का संचार हुआ। गत कुछ वर्षों के कुछ कठोर प्रयासों के कारण संगठन की आर्थिक स्थिति दिन ब दिन बेहतर हो रही है और आनेवाले आर्थिक वर्ष में इसका लाभ सभी सदस्यों को भी मिल सकता है। जन-निधि, जो एनवायसीएस का प्रमुख कार्यक्रम है, से लेकर सभी विभागों की सद्यस्थिती के बारे में चर्चा होकर आने वाले वर्ष तक के लक्ष्य निर्धारित किये गए। इस दौरान अगले वर्ष जनवरी में पुणे में आयोजित “युवा एक्सपो” के विषय में भी विस्तार से चर्चा हुई। सभी राज्यों ने इस आयोजन में अपना सहभाग और सहयोग देने के लिए तैयारी दिखाई।
 
रोजगार सृजन से युवाओं को सक्षम बनाकर देश को समर्थ बनाने के लक्ष्य से ही एनवायसीएस की स्थापना हुई थी। ‘कोविदा’ द्वारा युवाओं में कौशल विकास करना हो, गेल इंडियन स्पीड-स्टार से देश के अथलिटों को प्रोत्साहित करना हो, जन-निधि द्वारा समाज के निचले तबके को आर्थिक सहाय्य देकर आगे बढ़ाना हो या जन-औषधि द्वारा जरूरतमंद, गरीब लोगों को सस्ती, अच्छी दवा उपलब्ध कराने का प्रयास हो; पिछले 20 वर्षों में एनवायसीएस ने राष्ट्र-विकास की दिशा में अपना योगदान दिया हैं।
 
अक्तूबर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जयंती का माह हैं। अतः चार वर्ष पूर्व शुरू हुए स्वच्छ भारत अभियान का भारत और भारतवासियों पर क्या प्रभाव पड़ा हैं, इसका ब्यौरा भी इस अंक में लिया गया है। जानकर ख़ुशी होती है कि पिछले 4 वर्षों में 91% भारत खुले में शौच से मुक्त हो चुका हैं। इस वर्ष एनवायसीएस के पुणे तथा मुंबई कार्यालय के कर्मचारियों का सफाई अभियान में सहभाग रहा। इसके साथ ही एनवायसीएस द्वारा आयोजित गेल इंडियन स्पीड-स्टार से उभरे निसार अहमद ने अर्जेंटीना में आयोजित युथ ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया यह उपलब्धि भी एनवायसीएस की प्रगति का ही सूचक है।
 
युवा सहकार मासिक पत्रिका निकलने के पीछे यही दृष्टि थी कि न केवल युवाओं अपितु पुरे समाज में विभिन्न मुद्दों पर प्रबोधन के लिए प्रयास किए जा सके। हाल हि में हुए वार्षिक सर्वसाधारण सभा का वृत्त और एनवायसीएस की गतिविधियों के साथ कुछ प्रेरणादायक कथाएं/अनुभव, हिंदी फिल्मों में भारत की ख़राब छबि दिखाना हो या वर्त्तमान में केरल में चल रहे शबरीमला का आन्दोलन हो इसका संज्ञान भी इस अंक में हमने लिया है। युवाओं के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को पहुंचाने का सिलसिला भी इसमें हमने निरंतर रखा है।
 
युवा सहकार का स्वरुप बदलते हुए इसमें सभी की सहभागिता बढ़े यह भी एक अपेक्षा है। हर्ष की बात है कि हमारे कुछ निदेशकों ने इस दिशा में अपने कदम बढायें है, उनके प्रति आभार। इसी प्रकार सभी के सहयोग से इसे और अधिक आकर्षक, समृद्ध बनाने का संकल्प हम करते है।
 
अगले महीने दीपों का उत्सव दिवाली है। हम सभी के जीवन में यह दीपावली अपार खुशियां तथा खुशहाली लेकर आयें यही कामना!
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