हिमाचल प्रदेश के में आयोजित हुआ खेल शिविर

13 Nov 2018 17:36:44

 

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित हुआ खेल शिविर

 
गेल (इंडिया) लिमिटेड, नेशनल युवा को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और एंग्लियन मेडल हंट कंपनी के सहकार्य से फ़रवरी 2016 में एथलिट्स ढूंढने की योजना चलाई गई। गेल – इंडियन स्पीडस्टार भारत के प्रतिभावान खिलाडियों को चुनने की सबसे बड़ी योजना हैं। इस योजना के अंतर्गत 11 से 17 साल के खिलाडियों को चुनकर उन्हें राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए तैयार किया जाता हैं। अब तक इस योजना के 3 सीज़न पूरे हो चुके हैं।  
 
भारत के कुल 29 राज्यों के 275 से भी अधिक जिलों में इस योजना के अंतर्गत शिविर चलायें गए। पिछले 3 सीज़न से चुने गए 25 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर होते रहे हैं। मार्च 2018 में इन खिलाड़ियों को प्रशिक्षण हेतु जमैका के किंग्स्टन शहर में, रेसर ट्रैक क्लब भेजा गया था। इस शिविर से लौटने पर हर खिलाड़ी को मई महीने तक अपने घर पर ही प्रशिक्षण करना था। इसके पश्चात 1 जून से 30 जून 2018 के स्वदेशी प्रशिक्षण शिविर के लिए खिलाडियों को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर में बुलाया गया। यह शिविर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर में, युवा और खेल विभाग द्वारा स्पोर्ट्स एथलेटिक्स स्टेडियम में आयोजित किया गया था। इस शिविर में, मुख्य कोच अरविंद कपूर और सहाय्यक कोच राज कुमार थे। जॉय जोसेफ के साथ ही जानीमानी फिजियोथेरेपिस्ट रिभा शर्मा और न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रोहिणी शेंडे भी यहाँ थी। एंग्लियन मेडल हंट कंपनी की ओर से शशांक कटारिया और नेशनल युवा को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड से जगदीप राणा उपस्थित थे। इस शिविर के दौरान फंक्शनल मूवमेंट ट्रेनिंग, बॉडी कम्पोजीशन एनालिसिस, मस्कुलोस्केलेटल मूल्यांकन आदि फिटनेस मूल्यांकन तथा खेल बायोमैकेनिक्स से खिलाडियों को परिचित कराया गया।
हिमाचल प्रदेश में स्थित धर्मशाला भारत के सर्वाधिक ठंडे प्रदेशों में से एक है। समुद्र से इसकी ऊंचाई 1500 मीटर हैं अतः ट्रक और फिल्ड एथलीट्स को ऊंचाई पर प्रशिक्षण के लिए यह स्थान बिलकुल सही हैं। समुद्र से ऊँचें स्थान पर ऑक्सीजन की कमी के चलते प्रशिक्षणार्थियों के शरीर में हिमोग्लोबिन का प्रमाण बढ़ता है अथवा उनके मांसपेशियों के चयापचय में परिवर्तन आता है।  ऐसे स्थान पर प्रशिक्षण कर कम ऊंचाई वाले स्थान पर जाने के पश्चात् भी 10 से 14 दिनों तक खिलाड़ियों के शरीर में आया परिवर्तन कायम रहता है, जिससे उन्हें प्रतियोगिता के दौरान विशेष फायदा मिलता हैं।
 
  
इस शिविर के दौरान एथलीट्स के लिए धर्मशाला के नर्बुलिंका में सैम दुम्प्लिंग नामक 12 कमरों का पूरा होटल एक महीने के लिए किराये पर लिया गया था। यहाँ खिलाड़ियों के लिए व्यायामशाला तथा स्विमिंग पूल की व्यवस्था थी। होटल से स्टेडियम और अन्य स्थानों पर जाने के लिए 16 सीटर ट्रैवलर गाड़ी की व्यवस्था की गई थी जो दिन के 24 घंटें खिलाड़ियों की सेवा में थी। 
 
शिविर आरंभ होने से पहले 30 मई 2018 को नई दिल्ली में बैठक ली गई जहाँ खिलाड़ियों के व्यक्तिगत कोच से चर्चा कर उनके लिए व्यायाम की विशेष योजनाएं बनाई गई। इसके बाद मुख्य कोच अरविंद कपूर के नेतृत्व में खिलाड़ियों की 30 मीटर और 60 मीटर के ट्रक पर जाँच की गई ताकि उनकी शारीरिक स्थिति का जायज़ा लेकर उनसे सही व्यायाम करवाए जायें।
 
प्रतिदिन, सुबह और शाम, ऐसे दो सत्र होते थे । शनिवार को सक्रिय आराम होता था जिसमे एथलीट्स पहाड़ पर दौड़ लगाते अथवा ट्रेक के लिए जाते थे और रविवार को संपूर्ण आराम करने का दिन होता था। 4 से 7 जून के दौरान डॉ. रोहित बहुगुणा ने फंक्शनल मूवमेंट ट्रेनिंग, बॉडी कम्पोजीशन एनालिसिस, मस्कुलोस्केलेटल मूल्यांकन आदि द्वारा खिलाड़ियों का मूल्यांकन किया। इसके मूल्यांकन के निष्कर्षों से फिजियोथेरेपिस्ट रिभा शर्मा और न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रोहिणी शेंडे ने खिलाड़ियों के लिए डायट प्लान निर्माण किया। इसके बाद शिविर के अंत में, 28 और 29 जून को खिलाड़ियों का एक बार फिर मूल्यांकन किया गया जिससे सभी में उल्लेखनिय परिवर्तन आए थे।
 
8 से 11 जून 2018 के दौरान डॉ. सुहेल रज़ा के नेतृत्व में 4 बायोमैकेनिक्स की टीम ने खिलाड़ियों के प्रशिक्षण का जायज़ा लिया।  खिलाड़ियों की तकनीके, उनके शरीर की स्थिति, छलांग की लंबाई आदि जानकारी द्वारा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके दौरान ही फिजियोथेरेपिस्ट रिभा शर्मा के नेतृत्व में खिलाड़ियों को फिजियोथेरेपी तथा मालिश दिए गए।  
27 जून 2018 को गेल (इंडिया) लिमिटेड, नेशनल युवा को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और एंग्लियन मेडल हंट कंपनी के सदस्यों की उपस्थिति में सभी खिलाड़ियों की फिर एक बार जाँच की गई। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ का समावेश था। इस दौरान गेल (इंडिया) लिमिटेड के असीम जी भी उपस्थित थे। गेल स्पीडस्टार के सीज़न 3 से चयनित 25 में से 15 खिलाड़ियों ने इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया था। इनमें से सभी के लिए इस शिविर के परिणाम लाभदायक साबित हुए है।

पुणे के बालेवाड़ी में आयोजित हुआ खेल शिविर

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर के प्रशिक्षण शिविर के बाद इन एथलिटस को खेल में मजबूती का प्रशिक्षण देने के उद्देश से पुणे के श्री शिव छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स, बालेवाड़ी में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया । यह शिविर 5 अगस्त से 4 सितंबर 2018 तक चला।
 
इस शिविर में मिडिल तथा लॉन्ग दौड़ के लिए वरिष्ट कोच वीर सेन तोमर, गजानन पाटिल और स्प्रिंट दौड़ के लिए रविंद्र कारभारी नियुक्त किए गए । इसके साथ ही डी. वाय. पाटिल मेडिकल कॉलेज से फिजिओथेरेपिस्ट की टीम और न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रोहिणी शेंडे भी यहाँ थी। एंग्लियन मेडल हंट कंपनी की ओर से शशांक कटारिया और नेशनल युवा को-आपरेटिव सोसायटी लिमिटेड से जगदीप राणा उपस्थित थे। इनमें माइंड प्रशिक्षकों का भी समावेश था। सभी एथलिट सितंबर 2018 में होनेवाली प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहे थे।
 
पुणे शहर, महाराष्ट्र में, दक्खन के पठार पर बसा, सह्याद्री पर्वत श्रेणियों के बीच स्थित है। समुद्र से इसकी ऊंचाई 560 मीटर है। यह प्रदेश पर्वतों से घिरा हुआ है और यहाँ के वेताल पर्वत की ऊंचाई समुद्र से 800 मीटर है। पुणे का मौसम प्रशिक्षण उपयोगी होने से इस शहर का चुनाव किया गया। बालेवाड़ी का श्री शिव छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण उपयोगी सभी सामग्री जैसे – एथलिट ट्रैक, स्विमिंग पूल, व्यायामशाला और होस्टल है।
 
शिविर 6 अगस्त 2018 को आरंभ हुआ जहाँ सबसे पहले सभी खिलाड़ियों की परीक्षा द्वारा जाँच की गई। तत्पश्चात्, सभी खिलाड़ियों के व्यक्तिगत कोच से चर्चा कर तथा फिजिओथेरेपिस्ट द्वारा जाँच होने के बाद न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रोहिणी शेंडे के साथ मिलकर सभी खिलाड़ियों के लिए डाइट एवं व्यायाम के योग्य प्लान बनाएं गए। प्रतिदिन, सुबह और शाम, ऐसे दो सत्र होते थे। शनिवार को सक्रिय आराम होता था जिसमें मुख्यतः तैरने के व्यायाम होते थे और रविवार को संपूर्ण आराम करने का दिन था।
 
शिविर आरंभ होने से पहले कोच गजानन पाटिल और वीर सेन तोमर के नेतृत्व में 30 मीटर और 60 मीटर दौड़ द्वारा खिलाड़ियों की परीक्षा ली गई। 10 अगस्त को डी. वाय. पाटिल मेडिकल कॉलेज के डॉ. विजय शंकर के नेतृत्व में खिलाड़ियों की फंक्शनल मूवमेंट स्क्रीनिंग द्वारा शारीरिक जाँच की गई। इन सभी परीक्षाओं का जायज़ा लेकर सभी खिलाड़ियों के लिए प्लान बनाएं गए। न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. रोहिणी शेंडे ने सभी खिलाड़ियों के साथ चर्चा की जिसमें सभी को योग्य आहार की गहरी जानकारी दी गई। साथ ही, उन्होंने श्री शिव छत्रपति शिवाजी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के भोजनालय का भी जायज़ा लिया। डॉ. विजय शंकर के नेतृत्व में डी. वाय. पाटिल मेडिकल कॉलेज के फिजिओथेरेपिस्ट की टीम सुबह और शाम के दोनों सत्रों में मैदान पर उपस्थित रहती थी तथा हर शाम को सभी खिलाड़ियों को फिजियोथेरेपी दी जाती थी । 
 
इस शिविर में 25 से 28 अगस्त के दौरान सभी को ओलिंपिक विजेता रचिता मिस्त्री से मिलने का मौका मिला। वे इन 3 दिनों में सुबह और शाम के दोनों सत्रों में उपस्थित रहती थी और उन्होंने सभी का विशेष मार्गदर्शन किया। 1 सितंबर 2018 को इस शिविर में भाग लेनेवाले सभी खिलाड़ी आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में भारत के वरिष्ठ सुवर्ण पदक विजेता एथलीट को मिलनेवाली प्रशिक्षण सुविधओं का जायज़ा लेने के लिए गए। यहाँ उनकी मुलाकात कर्नल राकेश यादव तथा लेफ्टिनेंट ए राजेश से हुई।
गेल इंडिया स्पीडस्टर एथलिटस का 28 अगस्त 2018 को माइंड प्रशिक्षण सत्र हुआ। इस सत्र के दौरान खेल औषधी तज्ञ तथा माइंड प्रशिक्षक डॉ. धर्मपाल भामरे ने सभी खिलाड़ियों से बात की। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रतियोगिता आरंभ होने से पहले और बाद में होनेवाली व्याकुलता को नियंत्रित करने के तरीके बताए। इसके साथ ही, खिलाड़ियों के डॉ. धर्मपाल भामरे, डॉ. रोहिणी शेंडे और डॉ. विजय शंकर के साथ व्यक्तिगत सत्र भी हुए जहाँ खिलाड़ियों ने तज्ञों के साथ प्रशिक्षण, आरोग्य और प्रतियोगिता आदि विषयों पर चर्चा कर अपनी शंकाओं का समाधान किया।
दोनों शिविर बहुत ही सफल रहे।
 
 
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