बायो ऊर्जा – नव भारत की नवीन ऊर्जा - राजेश पांडे

NYCS    10-Jul-2017
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इतिहास में “सोने की चिड़िया” के नाम से प्रख्यात भारत आज फिर एक बार सम्पूर्ण विश्व में सामाजिक एवं आर्थिक शक्ति के रूप में उभरता हुआ एक विकासशील देश बन रहा है । विज्ञान, शिक्षा, तकनीक जैसे क्षेत्रों मे भारत निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और यह हमारे लिए गौरव की बात है | इस गर्व की अनुभूति में वह शक्ति है जो आम जन में आशाओं का नया संचार करके उन्हें सामान्य से असामान्य ऊंचाइयों तक पहुंचा देती है । नव भारत के निर्माण हेतु नित नई दिशाओं की खोज तथा नवीनतम तकनीकों का अनुकूलन करना अब केवल महत्वपूर्ण नहीं अपितु आवश्यक भी हो गया है | भारत एक कृषि-प्रधान देश है और इसके समग्र विकास के लिए शहरों के साथ-साथ ग्राम-विकास पर भी देश के नीति–नियंताओं का जोर बढ़ रहा है | नेशनल युवा को-ऑपरेटिव सोसायटी (एन.वाई.सी.एस.) हमेशा ही युवा सशक्तिकरण के मार्ग से राष्ट्र को समर्थ बनाने में प्रयत्नशील है | मुझे इस तथ्य को अनुमोदित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि भारत के अधिकतम गाँवों और शहरों तक हमारी पहुँच एवं युवाओं के माध्यम से समर्थ राष्ट्र-निमार्ण के संकल्प की यथार्थता के कारण ही हमें भारत सरकार और संलग्न मंत्रालयों की कई परियोजनाओं के क्रियान्वयन का अवसर प्राप्त होता है | देश का यह विश्वास हमारा दायित्व तो बढ़ाता है, परंतु साथ-साथ आत्मबल में भी वृद्धि कर जाता है |

 

मनुष्य प्रकृति का हिस्सा होने के कारण ऊर्जा के अभाव में जीवन-यापन नहीं कर सकता। अतीत से यह देखा गया है कि मनुष्य ने ऊर्जा को ही विकास का स्रोत एवं स्तंभ बनाया है। हमारी बदलती जीवन-शैली हमारी ऊर्जा की खपत में वृद्धि का मुख्य कारण है । मौजूदा ईंधनों की सीमितता तथा उनके कारण आने वाले उत्सर्जन, वैश्विक तापमान (Global Warming) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) जैसे संकटों से उभरने और इनको रोकने हेतु, जैव-ऊर्जा (Bio-energy) को प्रबल दावेदार माना गया है। बायोमास से उत्पन्न ऊर्जा को जैव-ऊर्जा (Bio-energy) कहते हैं। भारत जैसे कृषि-प्रधान देश में इस अक्षय ऊर्जा की महत्ता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि यहाँ बायोमास का उत्पाद भी अधिक होता है। इसलिए भारत में मुझे जैव-ऊर्जा की विशाल संभावनाएं प्रतीत होती हैं| विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न इस ऊर्जा का उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जा सकता है | बायोमास, बायोगैस जैसे स्रोत खाना बनाने में; बायो-हायड्रोजन विद्युत् ऊर्जा के निर्माण में, ऑटोमोटिव ईंधन के रुप में या वातानुकूलन (Air-conditioning) में; बायो-इथेनॉल तथा बायो-डीजल रासायनिक उद्योगों में, पेट्रोल में सम्मिश्रण के लिए, पम्पों, मोबाईल टॉवरों, कृषि उपयोग या जनरेटरों में काम आते हैं | भारत में बायो-ऊर्जा उत्पादन की अपार क्षमता है | वैश्विक परिदृश्य में हम इस सेक्टर में अभी अमरीका, ब्राजील, जापान तथा इंगलैंड से बहुत पीछे हैं और मलेशिया, इंडोनिशिया और चीन की बराबरी में चल रहे हैं | भारत की बढ़ती जनसंख्या एवं ऊर्जा की बढ़ती खपत की आपूर्ति हेतु हमें जैव-ऊर्जा के क्षेत्र को, उसके उत्पादन को एक नया आयाम देना होगा जिससे हम अपने ऊर्जा-प्रवाह को कायम रख सकें |

 

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस क्षेत्र में विभिन्न परियोजनाओं को संचालित कर रहा है और मुझे इस क्षेत्र में ज्ञानार्जन, उद्यमिता एवं रोजगार के भी अनेक अवसर दिखाई पड़ते हैं | जन-सामान्य में इस क्षेत्र के प्रति जागरुकता बढ़ाने हेतु, युवाओं को इसकी तकनीक से, भविष्य से एवं बहु-उपयोगी कारकों से अवगत कराने हेतु, किसानों को कृषि संबंधी जैव-ऊर्जा के लाभों की जानकारी देने हेतु और इस क्षेत्र के अनुसंधानों को बढ़ावा देने हेतु पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ मिलकर एन.वाई.सी.एस. ने पुणे के शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में दो-दिवसीय “बायो-एनर्जी ऊर्जा उत्सव” का आयोजन किया है | तकनीकी सत्र, विडियो फिल्म, कार्यशालाएँ, बायोगैस चालित वाहनों का प्रदर्शन एवं रैली, पुणे के आस-पास स्थित जैव कारखानों का परिभ्रमण तथा जैव-ऊर्जा के विषय पर विद्यार्थियों के लिए कई रोचक स्पर्धाओं का आयोजन, ऐसा इस ऊर्जा उत्सव का स्वरुप निश्चित किया गया है | हर वह क्षेत्र, जो नव-भारत निर्माण में सहायक हो सकता है, उसकी उत्पादकता, संबद्धता एवं उपयोगिता बढ़ाने में एन.वाई.सी.एस. हमेशा कार्यशील रहेगी |

 

कौशल भारत – कुशल भारत के सपने के साथ-साथ हम स्वस्थ भारत और अभिनव भारत का सपना भी देखते हैं और इसीलिए कौशल मंत्रालय की परियोजनाओं के कार्यान्वयन के साथ-साथ युवाओं को उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जन-निधि, जन-औषधि और गेल रफ़्तार जैसी हमारी और भी सफल योजनाएं, कल्पनाएं और परियोजनाएं भविष्य में कार्यान्वित होंगी | गेल रफ़्तार के दूसरे भाग (Season-II) की अपार सफलता के बाद हमने तीसरे भाग (Season-III) के लिए कमर कस ली है | इन सभी परियोजनाओं का हमारा अनुभव और हमारी सिद्धि हमें जैव-ऊर्जा के क्षेत्र में पहल करने की प्रेरणा और शक्ति देती है | मेरा आप सभी से आह्वान है कि इस प्रयोग को सफल करने में सहयोग करें और भारत के भविष्य में एक नई ऊर्जा के संचार के साक्षी बनें |

 

 

  • राजेश पांडे (एन.वाय.सी.एस. इंडिया अध्यक्ष)