देश को कुशल श्रमशक्ति की आवश्यकता - राजेश पांडे

NYCS    03-Oct-2016
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आज देश में एक उत्साह का वातावरण निर्माण हुआ है. देश के युवाओं में उत्साह और उनके लिए चुनौतियों का समंदर है. हमारे पास श्रमशक्ति तो बहुत है. लेकिन कुशल श्रमशक्ती नहीं है. हमें आने वाले कुछ सालों में कुशल श्रमशक्ती का निर्माण करना है. देश के युवाओं की कुशलता का विकास करना है. और यही हमारा सबसे पहला उद्येश है. उपरोक्त भावनाएँ नॅशनल युवा को- ऑपरेटिव्ह सोसायटी के अध्यक्ष राजेश पाण्डे जी ने व्यक्त की. एनवायसीएस की वार्षिक आमसभा में उन्होंने अपना मत प्रदर्शित किया.
एनवायसीएस की भूमिका स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा की, एनवायसीएस देश के युवाओं को प्रेरित करने के लिये, उन्हें सक्षम बनाने के लिये कार्य करने वाली संस्था है. यह युवाओं के लिए स्वयं को सक्षम बनाने का एक मंच है. युवाओं को उद्मिता और रोजगार के क्षेत्र में सक्षम बनाना हमारा प्रमुख उद्येश्य है.
उन्होंने कहा, जैसा की पूर्व राष्ट्रपती स्व. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी ने कहा है की, इस देश की ताकत इस देश का युवा है. हम भी इसी बात पर विश्वास रखते हैं. सन २०२० में भारत एक सबसे बडे युवा राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने आने वाला है. जब संपूर्ण विश्व युवा श्रमिकों के लिये तरस रहा होगा तब भारत के कुशल युवाओं को काम देना हमारे लिये सबसे बडी चुनौती होगी. अर्थात हम इतने बडे पैमाने पर युवाओं की कुशलता का विकास करेंगे. लेकिन यह कार्य आसान नहीं है.
वे कहते हैं, देश में युवा शक्ती तो बहुत है, लेकिन कुशल श्रमशक्ति की कमीं है. आज अमेरिका में कुशल श्रमशक्ती ५२% है, जापान में ८२%, दक्षिण कोरिया में इसकी संख्या ९६% है, लेकिन भारत में यह आँकडे केवल २.३% है. और यहीं महारे सामने उपस्थित सबसे बडी चुनौती है. देश को अभी सबसे ज्यादा कुशल श्रमशक्ती की आवश्यकता है. २०२० में १ अरब आबादी वाले भारत देश में ६० करोड युवा होंगे, देश की औसत आयु २५ वर्ष होगी. यदी इस बात का फायदा उठा कर देश को कुशल श्रमशक्ती में परिवर्तित किया जाय तो यह देश की सबसे बडी उपलब्धी होगी. भारत का कौशल विकास मंत्रालय हमारे साथ है, यह हमारे लिये गौरव की बात है.
खेलों के क्षेत्र में युवाओं का विकास करना :
एनवायसीएस जिस तरह से युवाओं का उद्मिता और रोजगार के क्षेत्र में विकास करना चाहता है, उसी प्रकार खेलों के क्षेत्र में भी युवा आगे आएँ यह एनवायसीएस का उदेश्य है. रिओ ऑलिम्पिक में जब भारत ने २ मॅडल जीते, तब संपूर्ण जगने वाह वाही की. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा की, इतनी बडी आबादी वाले देश ने केवल २ मेडल ही जीते. यही हमारे लिए सबसे बडी चुनौती है. एनवायसीएस ने इसे एक मिशन के रूप में स्वीकार किया है. देश के युवाओं को खेल के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करना, उन्हें सुविधाएँ प्रदान करना और देश के लिए २०२० के ऑलिम्पिक खेलों में अधिकाधिक मॅडल जीतना यह हमारा प्रमुख उद्येश्य है. और खेल के क्षेत्र में आगे बढने के लिए एनवायसीएस युवाओं को प्रेरित कर रहा है. राजेश पांडे जी ने खेलों के क्षेत्र में एनवायसीएस की भूमिका स्पष्ट करते हुए उपरोक्त बात कही.