एक कदम उद्यमिता की ओर...

NYCS    14-Nov-2018
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एक कदम उद्यमिता की ओर...

 
 
सर्जनशीलता मनुष्य का गुण है। इस गुण से ही उसने पहिया बनाने से लेकर ट्रेन का इंजन बनाने जैसे हजारों अविष्कार कर अपने जीवन को सुख-सुविधामय बनाया है। आज का युग विज्ञान उन्मुख है। अतः सर्जनशीलता को बढ़ावा ही मिला है। किशोर और युवा अवस्था में लोग बेहतरीन योजनाएं बनाकर दुनिया का नक्शा बदलने का सामर्थ्य रखते है। इसका सबसे बड़े उदाहरण हैं बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग, जिनके ‘माइक्रोसॉफ्ट’ और ‘फेसबुक’ ने दुनिया के लगभग हर कोने में पहुँचकर अपनी जड़े जमाई है।
 
भारत में भी ऐसे अनेक युवा है। किंतु वे आर्थिक स्थितियों के चलते अपनी सर्जनशीलता को उसके शिखर तक नहीं ले जा पाते। इस समस्या के निवारण के लिए “स्टार्टअप-निधि” परियोजना चलाई जा रही है। इस परियोजना के अंतर्गत ‘न्यू जनरेशन इनोवेशन एंड एन्त्रेप्रेनुरशिप डेवलपमेंट सेंटर’ (न्यूजेन आयईडीसी), ‘इनोवेशन एंड एन्त्रेप्रेनुरशिप डेवलपमेंट सेंटर’ (आयईडीसी) तथा ‘एन्त्रेप्रेनुरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ (ईडीआयआय) ऐसे छात्र समूहों को आर्थिक सहायता प्रदान करते है जो स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं।
 
‘स्टार्टअप-निधि’ का उद्देश्य छात्रों की सृजनात्मक योजनाओं को व्यवसायीकरण की ओर ले जाना है। इस परियोजना द्वारा छात्रों को अपनी योजनाओं का प्रोटोटाइप बनाने के लिए रुपये 10 लाख तक का आर्थिक सहाय्य दिया जाता है। इसके साथ ही, सर्वोत्कृष्ट योजना के स्टार्टअप को रूपये 2 लाख, प्रमाणपत्र और ट्राफी भी दी जाती हैं। प्रतिवर्ष 20 छात्र समूहों के स्टार्टअप को आर्थिक सहाय्य देना इस परियोजना का लक्ष्य है। 
 
इस परियोजना में शामिल होने के लिए ‘एन्त्रेप्रेनुरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ (ईडीआयआय) प्रतिवर्ष ‘न्यू जनरेशन इनोवेशन एंड एन्त्रेप्रेनुरशिप डेवलपमेंट सेंटर’ (न्यूजेन आयईडीसी) में कार्यरत छात्रों के प्रोजेक्ट मंगाती है। ईडीआयआय की सब-कमिटी सारे प्रोजेक्ट्स की जाँच करती हैं। प्रोजेक्ट की प्रभाविता और पूर्णता आदि को देखकर सभी में से 20 प्रोजेक्ट का चयन किया जाता हैं। इसके बाद ईडीआयआय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयनित प्रोजेक्ट मुख्य परीक्षकों के सामने पेश किए जाते हैं। परीक्षकों के निर्णय के पश्चात् छात्र समूहों को धनराशि दी जाती है।
 
इस परियोजना में भाग लेने के लिए निम्न पात्रता हैं -
1. न्यूजेन आयईडीसी तथा आयईडीसी द्वारा समर्थित एवं चयनित मौजूदा या पूर्व छात्रों के प्रोजेक्ट इस परियोजना के लिए पात्र है। 
2. छात्रों के पास उनके स्टार्टअप का आयपी (IP) होना आवश्यक है। स्टार्टअप आयपी पर छात्रों के इंस्टिट्यूट का कोई अधिकार न हो। 
 
3. स्टार्टअप कंपनी पंजीकृत होनी चाहिए।
 
4. स्टार्टअप से जुड़ा कोई भी छात्र किसी और समूह का हिस्सा नहीं हो सकता। 
 
ईडीआयआय द्वारा प्रतियोगिता की घोषणा होने पर न्यूजेन आयईडीसी तथा आयईडीसी छात्रों के प्रोजेक्ट्स भेजती है। इनमें से 20 प्रोजेक्ट चयनित होकर राष्ट्रीय विशेषज्ञों की सिफारिश के लिए ‘द नेशनल एक्सपर्ट्स एडवाइजरी कमिटी’ (एनईएसी) को भेज देती है। जिसके बाद विजेता प्रोजेक्ट के छात्र समूहों को रूपये 10 लाख की धन राशि दी जाती हैं।
यह धन राशि दो हिस्सों में मिलती है। अंतिम चुनाव के बाद छात्र-समूहों को आवश्यक दस्तावेज पेश करने होते है। इसके बाद धन राशि का पहली किश्त अर्थात् पुरे रकम का 70% छात्रों को दिया जाता हैं। छात्रों ने बताई समय सीमा में प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ईडीआयआय उनके इंस्टिट्यूट से प्रोजेक्ट पूरा होने का प्रमाणपत्र लेती है। फिर बाकी बची 30% धन राशि छात्रों को दी जाती हैं।
 
छात्रों को धन राशि का पहला हिस्सा मिलने के बाद समय-समय पर उनके स्टार्टअप के प्रगति का जायज़ा लिया जाता है।
पिछले वर्ष इस योजना के अंतर्गत 12 स्टार्टअप को आर्थिक सहाय्य दिया गया। 
इस परियोजना की अधिक जानकारी के लिए www.dst.gov.in और http://www.newgeniedc-edii.in वेबसईट को समय-समय पर देखते रहे