मुद्रा योजना

NYCS    13-Nov-2018
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खुद बॉस बनें मुद्रा योजना का लाभ लें !

आज दुनिया में भारत एक युवा राष्ट्र है। यहाँ की अधिकतम आबादी 35 वर्ष से कम-उम्र की हैं। इन युवाओं के स्वरोजगार तथाआर्थिक सबलीकरण हेतु भारत सरकार ने एक नयी योजना का निर्माण किया है......प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

भारत में कौशल और अभिनव योजनाओं की कमी नहीं हैं। किंतु इन योजनाओं को साकार करने हेतु अर्थ की समस्या निर्माण होती है। इस समस्या का उत्तर है भारत सरकार द्वारा आयोजितमुद्रा योजना”, जो वर्ष 2016 के वित्तीय बजट में घोषित की गई। माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड अर्थात ‘मुद्रा’ पुनर्वित्त एजेंसी है। इस योजना द्वारा गैर निगमित लघु व्यवसाय क्षेत्र में व्यक्ति, संगठन या संस्था आदि बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और अल्प वित्तीय संस्थाओं से ऋण ले सकते हैं।

सामान्यतः ऋण लेने के लिए भारत में ऋण की रक़म के बदले कुछ न कुछ गिरवी रखने की पद्धति है। किंतु इस पद्धति के कारण निम्न आर्थिक स्तर के लोग अपनी योजनाओं को साकार करने से वंचित रह जाते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना इस समस्या को हल करने के लक्ष्य से निर्मित की गई है। रुपए 10 लाख से कम आवश्यकता वाली गैर कृषि, आय अर्जक गतिविधियाँ जैसे औद्योगिक, प्रौद्योगिक, व्यापार और सेवा क्षेत्र के व्यवसाय अब मुद्रा योजना के तहत, रिज़र्व बैंक के नियमानुसार बगैर संपार्श्विक सुरक्षा (Collateral Security)के ऋण ले सकते हैं।

मुद्रा ऋण के तीन प्रकार हैं – शिशु, किशोर, तरुण। लाभार्थी अपने व्यवसाय की आवश्यकता, उनकी अपेक्षित आय जैसे तत्वों को ध्यान में रखकर ऋण की रक़म तय कर सकते है।

इन ऋणों के प्रावधान निम्नवत हैं -

  1. शिशु – इसमें रुपए 50,000 तक का ऋण लिया जा सकता है।

  2. किशोर – इस ऋण की सीमा रुपए 50,000 से 5 लाख की हैं।

  3. तरुण – इसके अंतर्गत रुपए 5 से 10 लाख तक ऋण लिया जा सकता है।

ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर गैर निगमित लघु व्यवसाय घटक (एनसीएसबीएस) स्थित होते हैं। इनमें अनेक प्रोप्राइटरशिप अथवा पार्टनरशिप फर्में शामिल हैं। इनमें लघु औद्योगिक इकाइयां, सेवा क्षेत्र की इकाइयां, दुकानदार, फल और सब्जी विक्रेता, ट्रक परिचालक, खाद्य-सेवा इकाइयां, मरम्मत की दुकानें, मशीन परिचालन, लघु उद्योग,खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा व्यवसाय चलाती फर्में शामिल हैं।

मुद्रा ऋण आय अर्जन के निम्न उपक्रमों के लिए लिया जा सकता हैं -

  1. परिवहन वाहन

सामान या अन्य परिवहन के लिए वाहन। जैसे ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्शा, टैक्सी, छोटे टेम्पो।

  1. सामाजिक अथवा व्यक्तिगत सेवा उपक्रम

ब्यूटीपार्लर, व्यायामशाला, ड्राई-क्लीनिंग, सिलाई की दुकान, डीटीपी और फोटोकॉपी की दुकान, औषधालय, कूरियर एजेंट आदि।

  1. खाद्य-सेवा क्षेत्र

पापड़ निर्मिति, आचार निर्मिति, जैम निर्मिति, बिस्किट-ब्रेड निर्मिति, आइस्क्रीम की दुकान, बर्फ निर्मिति केंद्र, मिठाई की दुकान, खाद्य-पदार्थ के स्टाल, केटरिंग अथवा कैंटीन सेवाएं, ग्रामिण भागों में कृषि उत्पादों के संरक्षण हेतु सेवा आदि के लिए ऋण।

  1. वस्त्र उत्पाद क्षेत्र

हैंडलूम, पॉवरलूम, खादीउपक्रम, चिकनकारी, ज़री और ज़रदोज़ी काम, पारम्परिक कढ़ाई, वस्त्रों की रंगाई, डिजाइनिंग, रुई ओटना, बुनाई, कंप्यूटर की कढ़ाई आदि उपक्रमों के लिए ऋण।

  1. व्यापारी तथा दुकानदारों के लिए ऋण

गैर कृषि आय अर्जक व्यापर हेतु ऋण।

  1. कृषि से जुड़े उपक्रम

पशुधन पालन, कुकुट पालन, मधुमक्खि पालन, मत्स्य पालन, कृषि विज्ञान और कृषि व्यवसाय केंद्र आदि के लिए ऋण।

यह योजना सार्वजानिक क्षेत्र के लगभग सभी बैंकों में उपलब्ध हैं। जैसे –पीएसयू बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, निजी क्षेत्र की बैंक, विदेशी बैंक, अल्प वित्त संस्थाएं और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की वेबसाइट पर इस योजना से संलग्न, भिन्न क्षेत्रों के 194 बैंकों की सूचि दी गई है।

इस योजना से ऋण प्राप्त करने की निम्न प्रक्रिया है -

  • अपने व्यवसाय का परिव्यय प्रारूप निर्माण करें।

  • अपना प्रारूप लेकर नजदीकी बैंक शाखा में जाएं।

  • बैंक से मुद्रा ऋण फॉर्म लेकर योग्य जानकारी और दस्तावेज़ वहां जमा करें।

  • आपके प्रस्ताव की योग्य करवाई होने के पश्चात् 10 से 15 दिनों के भीतर आपका प्रस्ताव पारित होगा।

  • प्रस्ताव पारित होने पर आपको बैंक की ओर से मुद्रा कार्ड दिया जायेगा।


 

 

 
इसके अलावा आप मुद्रा योजना की वेबसाइट www.mudra.org से भी अपना नाम अंकित कर सकते है साथ ही, ऋण प्राप्ति के पश्चात् www.mudramitra.in अपने ऋण की सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण लेने के लिए ऋणदात्री एजेंसी द्वारा दिए गए नियमों और शर्तों का पालन करना होगा। इस योजना द्वारा लिए गए ऋण के ब्याज दर रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए जाते है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की निगरानी राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय बैंकर समिति के ज़रिए की जाती है। वही, राष्ट्रीय स्तर पर, भारत सरकार का सेवा और वित्तीय विभाग इसकी निगरानी करता है।

इसके अलावा मुद्रा योजना ऋण प्राप्त लोगों अथवा संस्थाओं को कौशल विकास के भी विविध अवसर दिए जाते हैं।